हालांकि पूर्व में आये पत्रों की डाक मोहर पढ़ी नहीं जा सकी, इसके कारण कभी यह पता नहीं चल पाया कि वे कहां से भेजे गये ।
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लेकिन इस बार पत्र पर जालंधर कैंट की डाक मोहर पढ़ने में आ रही है जिसके बाद स्थानीय सतर्कता विभाग मामले की पड़ताल में लग गया है और यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि पत्र असली है या किसी ने इस संबंध में मजाक किया है ।